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Tuesday 28 February 2017

कारगिल नहीं आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे गुरमेहर के पिता

Jagran 28 Feb 2017, 17:30

दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद चर्चा में आईं लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर के पिता कैप्टन मनदीप सिंह को लेकर नया खुलासा हुआ है।

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद चर्चा में आईं लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर के पिता कैप्टन मनदीप सिंह को लेकर नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है गुरमेहर कौर के पिता कैप्टन मनदीप करगिल के शहीद नहीं थे। वे आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे लेकिन करगिल की जंग में नहीं।
यह अलग बात है कि गुरमेहर ने पिछले साल पोस्ट किए गए प्ले कार्ड्स वीडियो में दावा किया था कि उनके पिता की जान करगिल जंग के दौरान गई थी, जबकि आर्मी रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ा कुछ और ही कहता है।
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वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कैप्टन मनदीप सिंह 1999 में राष्ट्रीय राइफल्स के सेक्टर 7 के तहत पोस्टेड थे। इस दौरान वे रक्षक नाम के आतंकरोधी टीम का हिस्सा थे। जम्मू-कश्मीर में 1999 में राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर आतंकी हमले के दौरान मनदीप सिंह शहीद हुए थे।
6 अगस्त 1999 को उनके कैंप पर हमला हुआ था और वे शहीद हुए थे। इस हमले में 6 और जवानों की जान गई थी। मनदीप 1991 में 49 आर्मी एयर डिफेंस रेजिमेंट में शामिल हुए थे और जब शहीद हुए थे, तो वे 4 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन का हिस्सा थे।
गुरमेहर ने कहा था-पाकिस्तान से करो प्यार
पिछले साल मई महीने में गुरमेहर ने पाकिस्तान के साथ शांति को लेकर सोशल मीडिया में एक कैंपेन चलाया था। इसमें उन्होंने प्ले कार्ड्स दिखाते हुए कहा था कि उनके पिता को पाकिस्तान ने नहीं वार ने मारा। इस दौरान उन्होंने एक प्ले कार्ड दिखाया था, जिसमें कहा था कि उनके पिता करगिल में जंग के दौरान शहीद हुए थे।
जानें करगिल युद्ध के बारे में
3 मई 1999 को शुरू हुई थी और जंग 25 जुलाई 1999 तक चली थी. आतंकी हमला 6 अगस्त 1999 को हुआ था।
पकिस्तान का बदनाम जासूसी संघठन ISI जिसका रिश्ता वहां की फ़ौज के साथ जगजाहिर है यह कभी नहीं चाहता था कि भारत के साथ अच्छे सम्बन्ध कायम हो! इसी वजह से इस बनते हुए रिश्ते को बिगड़ने के लिये ISI ने कारगिल युद्ध का षडयंत्र रचा।
कारगिल सेक्टर में LoC पर जब भयंकर बर्फबारी होती है तो अग्रिम सीमा चौकी पर तैनात दोनों देशों के फौजी निचले स्थानों पर चले आते हैं और जब बर्फ पिघलती है तो फिर से अपने स्थानों पर पहुंच कर मोर्चे संभाल लेते है। 1999 में इस बार ऐसा नहीं हुआ। ISI और फ़ौज ने मिलकर साजिस के तहत अपने फौजियों को मुजाहदीन के रूप में उन खाली चौकियों पर माकूल रसद और गोला बारूद के साथ तैनात कर दिया।
REPORT

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में बुधवार को हुई हिंसा को लेकर बवाल जारी है। हालांकि, एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन शुरू करने वाली लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा गुरमेहर कौर ने दुष्कर्म की धमकियां मिलने और पूरे मामले में विवाद बढ़ने के बाद अपने कैंपेन से खुद को अलग कर लिया है।
लगातार चर्चा में बनी हुई दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा तथा करगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने कहा है कि पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के ट्वीट के बाद उनका दिल टूट गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अभियान से खुद को अलग कर रही हैं।
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इस बाबत डीयू छात्रा ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। गुरमेहर ने मंगलवार सुबह ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी और इस कैंपेन में शामिल लोगों को आगे की लड़ाई के लिए शुभकामनाएं भी दीं। गुरमेहर ने सुबह-सुबह कई ट्वीट किए जिसमें उसने खुद को कैंपेन से अलग करने की बात लिखते हुए कहा कि उन्हें जो कहना था कह चुकी हैं।
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उसने लिखा है, मैं कैंपेन से खुद को अलग कर रही हूं। सभी को बधाई, मैं अपील करती हूं की मुझे अकेला छोड़ दिया जाए। मुझे जो कहना था मैंने कह दिया।
I'm withdrawing from the campaign. Congratulations everyone. I request to be left alone. I said what I had to say.. (1/2)

— Gurmehar Kaur (@mehartweets)
अपने अगले ट्वीट में उसने लिखा है कि मैं बहुत सी चीजों से गुजर चुकी हूं और 20 साल की उम्र में इतना ही कर सकती हूं।
I have been through a lot and this is all my 20 year self could take :)

— Gurmehar Kaur (@mehartweets)
हालांकि कैंपेन से खुद को अलग करने के बाद गुरमेहर ने दूसरों को इसे जारी रखने के लिए कहा है। उसने ट्वीट करने हुए लिखा है कि यह कैंपेन मेरे लिए नहीं बल्कि स्टूडेंट्स के लिए है। कृपया इस मार्च में बड़ी संख्या में शामिल हों। सभी को शुभकामनाएं।
The campaign is about students and not about me. Please go to the March in huge numbers. Best of luck.

— Gurmehar Kaur (@mehartweets)
एक अन्य ट्वीट में गुरमेहर ने लिखा है कि अगर कोई मेरे साहस पर सवाल उठाता है तो उसके लिए यही कहना चाहती हूं कि मैंने अपना साहस और दम जरूरत से ज्यादा ही दिखाया है। लेकिन एक बात तय है कि अगली बार से हम किसी भी तरह की हिंसा या धमकी के खिलाफ आवाज उठाने से पहले सोचेंगे, बस इतनी ही कहना था।
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बता दें कि राजमस कॉलेज में हुए विवाद के बाद गुरमेहर ने सोशल मीडिया पर एबीवीपी के खिलाफ कैंपेन शुरू किया था। इसके बाद उसे सोशल मीडिया पर ही दुष्कर्म की धमकियां मिलने लगी थीं। गुरमेहर कौर ने आरोप लगाया था कि उसे इस छात्र संगठन के सदस्यों से दुष्कर्म की धमकी मिली है। उसने इसकी शिकायत दिल्ली महिला आयोग से भी की थी। इसके बाद गुरमेहर को सुरक्षा मुहैया कराई गई।
इस बीच, इस पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया और इस पर नेताओं के बयान आना शुरू हो गए। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सवाल किया कि "कौन इस लड़की के दिमाग को प्रदूषित कर रहा है? एक सशक्त सेना युद्ध रोकती है। भारत ने कभी किसी पर हमला नहीं किया लेकिन कमजोर भारत पर हमेशा हमला हुआ।"
वहीं, मैसूर (कर्नाटक) से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने तो गुरमेहर की तुलना अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कर डाली।
एबीवीपी ने वामपंथी विचारधारा वाले छात्र संगठनों के कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का समर्थन करने के विरोध में यहां रामजस कॉलेज से आर्ट्‌स फैकल्टी तक "तिरंगा यात्रा" निकाली। एबीवीपी के एक कार्यकर्ता ने बताया कि वे ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) के "राष्ट्र विरोधी नारे" का विरोध कर रहे हैं। जो कुछ जेएनयू में हुआ, हम उसे रामजस में नहीं होने देंगे।
इनके अलावा क्रिकेटर विरेंद्र सहवाग, अभिनेता रणदीप हुडा, रेसलर बबीता फोगट ने भी गुरमेहर के इस बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
वहीं कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल गुरमेहर के समर्थन में उतर आए। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि भय और अत्याचार के खिलाफ हम अपने छात्रों के साथ खड़े हैं। असहिष्णुता और अन्याय के खिलाफ उठी हर आवाज में गुरमेहर कौर होगी।
जबकि कांग्रेस ने कहा कि जब एक महिला स्वतंत्र होकर सोचती है, पितृसत्तात्मक भाजपा मानती है कि उसका दिमाग प्रदूषित है। जब कोई व्यक्ति शांति की वकालत करता है तो भाजपा घृणा से जवाब देती।
अरविंद केजरीवाल ने भी गुरमेहर का समर्थन किया और कहा कि हमारी बेटियों और बहनों को दुष्कर्म की धमकी दी जा रही है, क्या यही भाजपा का राष्ट्रवाद है? ऐसे लोगों को धिक्कार।
यह है मामला
मालूम हो कि राष्ट्रद्रोह का सामना कर रहे जेएनयू के छात्र उमर खालिद को एक सेमिनार में आमंत्रित किए जाने को लेकर गत बुधवार को रामजस कॉलेज में दोनों छात्र

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